कोविड

कोविड

मित्रों हम सभी के जीवन मे कभी न कभी ऐसी स्थिति अवश्य आती है जब कुछ परिस्थितियों को बदलना हमारे हाथ मे नही रहता, उन्हें स्वीकार करके ही चलना पड़ता है। उसी में से जो कुछ शुभ और सुंदर मिल सके मंथन करके उसे प्राप्त कर लेना पड़ता है।है।ये आपदा, महामारी और ये लॉक डाउन की स्थिती वैसी ही स्थिती है, इस पर हमारा कोई वश नही है, हम सभी लोग इस वक्त बहुत बेचैनी महसूस कर रहे हैं जैसे कि एक पिंजरे में बन्द से हो गए हों। हम सभी को बहुत आर्थिक हानि भी उठानी पड़ रही है, भविष्य भी अनिश्चित  हम बेचैन होकर, छटपटाकर इस से न तो भाग सकते हैं और न ही बच सकते हैं। ऐसे में ये बेचैनी तथा छटपटाहट स्वाभाविक ही है, फाइट या फ्लाइट (लड़ना या भागना) दोनो ही ऑप्शन नही हैं अभी। इस लॉक डाउन को स्वीकार करना और सरकारी निर्देशों का पालन करना ही हमारे लिए श्रेयस्कर है। और कोई चारा है भी नही स्वीकारने के अलावा।

इस स्थिति को कुछ हद तक सकारात्मक (या bearable) बनाने हेतु कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं

1– रोज कुछ देर के लिए सुबह की ताज़ी हवा या रात की ठंडक में बैठकर 5-10 मिनिट ध्यान करें। अपने आप से जुड़ने का प्रयत्न करें।संसार से जुड़ने के फेर में हम स्वयम से कटते जा रहे हैं, वो कनेक्शन फिर जोड़ें।

2– बार बार इस बात को मन मे दोहराएं कि यदि स्वास्थ्य रहा तो फ़िर से पैसा कमा लेंगे। अभी प्राथमिकता पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सबसे ऊपर है। कोविड अनन्तकाल तक नही चलने वाला है। जब हटेगा हम अपने कार्य मे फिर से सन्नद्ध खड़े होंगे। सब नुकसान की भरपाई धीरे धीरे हो जाएगी। अभी फोकस सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ और स्वस्थ्य रहने पर रखिये।

3–आपके कार्य क्षेत्र में कोविड  की वजह से क्या परिवर्तन आ सकते हैं, इनका मन ही मन असेसमेंट करके एक कागज पर अपना रोड मैप लिखें, रोज़ ही इस रोडमैप में अपने दिमाग मे आने वाले आइडियाज को जोड़ते चलें। कई बार दिमाग बिजली की कौंध की तरह बहुत शानदार आईडिया दे जाता है, उसे अवश्य लिख लें, बाद में हम भूल जाते हैं।

4–आपके कार्यक्षेत्र में आने वाले परिवर्तनों में सर्वाइव करने हेतु यदि आपको कोई नई स्किल सीखनी हो तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सीखने का प्रयत्न करें।

5–अपने जीवन की प्राथमिकताएं तय करें, कोविड ने आपको एक मौका दिया है कि घुड़दौड़ को रोक कर आप अपने जीवन की अपेक्षाओं और प्राथमिकताओं का पुनर आकलन कर सकें।

अंधी दौड़ में दोबारा शामिल होने से पहले रुक कर मंज़िल ठीक है या नही, ये एक बार फिर से जांच लीजिये। जीवन के कम्पास की दिशा फिर से निर्धारित कीजिये।

6–अपनी तथा अपने परिवार के सदस्यों की छोटी बड़ी ख्वाहिशों की एक सूची बना लें, उनमें से यदि उनमें से कुछ छोटी छोटी इच्छाएं अभी पूरी हो सकती हों तो प्रयत्न करें उन्हें पूरा करने का। कल पर टालते रहने पर, कभी ऐसा भी हो सकता है कि हम या हमारे अपने ख्वाहिशें लिए ही चले जाएं। सभी इच्छाएं तो किसी की भी पूरी नही हो सकतीं, लेकिन जो पूरी करना क्षमता के अंदर और यथार्थपरक हो, उन्हें यथासमय अवश्य पूरा करते रहें ।

7–खाली दिमाग शैतान और अवसाद दोनो का घर होता है, अच्छा संगीत सुनें, गीत गायें,सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, पेंटिंग, लेखन आदि कुछ क्रिएटिव करने का प्रयत्न करें। कुछ सृजित करने या नया सीखने की प्रक्रिया अपने आप मे एक थेरेपी का कार्य करती है।

8–अपने छूट चुके मित्रों को फ़ोन लगाएं, आभासी दु निया से हटकर, उनके वास्तविक जीवन मे क्या चल रहा है, ये भी जानिए। मित्रों का हाल चाल लेते रहना चाहिए।

9–प्रेरणास्पद साहित्य संगीत, खुशनुमा चलचित्र और आशावादी मित्रों का दामन थामे रखें। ये परीक्षा का समय भी गुज़रेगा। सुबह फिर से आएगी, उजास फिर से छाएगी।हम सभी योद्धा हैं सर्वाइव करने की इस जंग में, हम लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी। सबसे अंत मे, जीवन में घटाटोप अंधेरे से भरे क्षण ही वो क्षण हैं जब हमें उम्मीद की नन्ही लौ पर ही अपना सम्पूर्ण ध्यान केंद्रित करना चाहिए

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